60+ Swami Ramdev Quotes in hindi | स्वामी रामदेव के सर्वश्रेष्ठ सुविचार, अनमोल वचन
60+ Swami Ramdev Quotes in hindi | स्वामी रामदेव के सुविचार, अनमोल वचन
विषय-सूची:-1. 60+ Swami Ramdev Quotes in hindi स्वामी रामदेव के सुविचार, अनमोल
1.1. राम देव का जीवन परिचय
1.2. Swami Ramdev Quotes Images, photos, pictures
राम देव का परिचय
- वास्तविक नाम- रामकृष्ण यादव
- जन्म- 26 दिसम्बर 1965
- जिला- महेन्द्रगढ़, हरियाणा, भारत
- माता- गुलाबो देवी
- पिता- रामनिवास यादव
स्वामी रामदेव जिन्हें लोग योगगुरु के नाम से जानते है। पूरे विश्व में योग को पहुँचने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है यह कहना भी गलत नही होगा स्वामी रामदेव ने योग को लोकप्रिय किया। आज पूरा विश्व 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाता है। बाबा रामदेव, योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं। उनके विचार और उद्धरण न केवल जीवन जीने के सही मार्ग दिखाते हैं, बल्कि हमें आत्म-साक्षात्कार और मानसिक शांति की ओर भी प्रेरित करते हैं।
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यहां हम सर्वश्रेष्ठ बाबा रामदेव के विचार प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपको जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
- हम मात्र प्रवचन से नहीं अपितु आचरण से परिवर्तन करने की संस्कृति में विश्वास रखते हैं।
- आयुर्वेद, कला और विज्ञान का मेल है।
- असंभव को संभव बनाने के लिए, एक आदमी के पास असीमित क्षमता है।
- साधु वस्त्र से नहीं चरित्र से बनता है।
- नकारात्मक विचार मानसिक बीमारी का कारण हैं।
- विचारों और विश्वासों पर पवित्रता और नियंत्रण सफलता का सेतु है।
- सभी बीमारियों का इलाज योग और अच्छी जीवनशैली में निहित है।
- एक मनुष्य ईश्वर को जानकर मोक्ष तक पहुंचता है। मोक्ष या अमरता प्राप्त करने का कोई अन्य मार्ग नहीं है।
- मेरी हर बुरी या अच्छी कार्यो का मेरे पूरे देश को प्रभावित करती है।
- अच्छे कामो में सहयोग करो; सहयोग नहीं कर सकते तो कम से कम असहयोग मत करो।
- माता-पिता के चरणों में चारों धाम हैं। माता-पिता इस धरती के भगवान हैं।
- एक देश तभी स्वस्थ हो सकता है जब उसके लोग स्वस्थ हों।
- विचारों में शुद्धीकरण ही मात्र एक नैतिकता है।
- उर्जा उत्पन्न करके ही एलर्जी को रोका जा सकता है।
- जीवन को छोटे उद्देश्यों के लिए जीना जीवन का अपमान है।
- हमारे रहने और जाने दोनों ही महान होने चाहिए। गर्व से और आत्म-ज्ञान के साथ जियो, कायरों से नहीं।
- प्रत्येक जीव की आत्मा में मेरा परमात्मा विराजमान है।
- युवाओं को आगे आना चाहिए, स्वस्थ रहना चाहिए और देश का नेतृत्व करना चाहिए।
- विचारवान व संस्कारवान ही अमीर व महान है तथा विचारहीन ही कंगाल व दरिद्र है।
- विचारों का ही परिणाम है-हमारा सम्पूर्ण जीवन। विचार ही बीज है, जीवनरुपी इस वृक्ष का।
- मनुष्य का जन्म हमारे लिए भगवान का सबसे बडा उपहार है।
- सुख बाहर से नहीं भीतर से आता है।
- कर्म ही मेरा धर्म है। कर्म ही मेरि पूजा है।
- सदा चेहरे पर प्रसन्नता व मुस्कान रखो। दूसरों को प्रसन्नता दो, तुम्हें प्रसन्नता मिलेगी।
- हमारे सुख-दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं।
- आरोग्य हमारा जन्म सिध्द अधिकार है।
- प्रेम, वासना नहीं उपासना है। वासना का उत्कर्ष प्रेम की हत्या है, प्रेम समर्पण एवं विश्वास की परकाष्ठा है।
- एक भक्त को हमेशा अच्छे कामों में शामिल होना चाहिए क्योंकि भगवान दुष्टों को दंड देते हैं और शुद्ध दिल वाले लोगों की रक्षा करते हैं।
- मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान और परम सुख प्राप्त करता है, जब वह प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखता है।
- एक आदमी परम सुख प्राप्त कर सकता है, अगर वह काम करते समय अपने दिमाग को शांत, संतुलित और एकाग्र रखता है।
- एक आदमी एक खुश और स्वस्थ जीवन जी सकता है, अगर वह अच्छे कार्यों, शुद्ध आहार, आत्म नियंत्रित जीवन में शामिल हो और भगवान की पूजा करता है।
- कपालभाती प्राणायाम करे और 99% रोगों से मुक्ति पाए.
- अपने भीतर संकल्प की अग्नि हमेशा प्रज्वलित रखो। इससे आपका जीवन हमेशा प्रकाशमान रहेगा।
- असंभव को संभव बनाने के लिये एक आदमी के पास असीमित क्षमता है।
- किसी व्यक्ति की नही व्यक्तित्व की पूजा करो। चित्र की नही चरित्र की पूजा करो। कर्म को अपना धर्म मानो। राष्ट्रधर्म को सबसे ऊपर रखो।
- मैं माँ भारती का अमृतपुत्र हूँ, “माता भूमि: पुत्रोहं प्रथिव्या:”।
- सदा चेहरे पर प्रसन्नता व मुस्कान रखो। दूसरों को प्रसन्नता दो, तुम्हें प्रसन्नता मिलेगी।
- भगवान सदा हमें हमारी क्षमता, पात्रता व श्रम से अधिक ही प्रदान करते हैं।
- “इदं राष्ट्राय इदन्न मम” मेरा यह जीवन राष्ट्र के लिए है।
- विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, अपराध, क्रूरता, शोषण, अन्याय, अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है।
- पवित्र विचार प्रवाह ही व्यक्ति के पवित्र आहार, पवित्र व्यवहार, पवित्र आचरण व पवित्र जीवन का आधार है।
- यदि आप मन की तरंगों को नियंत्रित कर सकें, तो आप योग का अनुभव करेंगे।
- बीमारियों के कुचक्र को योग रूपी सुदर्शन चक्र से ही समाप्त कीजिये।
- आहार, विचार, वाणी, व्यवहार, स्वभाव में, आचरण में पूर्ण अनुशासन है यही है योग।
- अच्छे विचारों को लिखने की आदत डाले, क्योंकि वही विचार आपके जीवन का मार्गदर्शन करते हैं
- विचार ही सम्पूर्ण खुशियों का आधार है।
- धन तो मिलता है, परंतु स्वास्थ्य अमूल्य होता है।
- योग और ध्यान से आत्मा को जागृत करें।
- स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिकता - ये तीनों जीवन के स्तंभ हैं।
- योग से हम अपने अंदर के दिव्य तत्वों को पहचान सकते हैं।
- आयुर्वेद और योग से जीवन का हर दिन एक नया उत्सव बन जाता है।
- प्रकृति के साथ जीना ही सच्चा योग है।
- जीवन में हर दिन योग और साधना के लिए समय निकालें, यही सच्चा संतुलन है।
- योग से जीवन में संतुलन और शांति प्राप्त करें।
- योग से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
- जीवन में सकारात्मक सोच ही सफलता की कुंजी है।
- स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।
- आयुर्वेद में जीवन का हर पहलू समाहित है - शरीर, मन और आत्मा।
- साधारण जीवन, उच्च विचार - यही जीवन का सच्चा मंत्र है।
- स्वास्थ्य और सादगी से ही जीवन में सुख और संतोष प्राप्त होता है।
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निष्कर्ष (Conclusion):
बाबा रामदेव के ये उद्धरण हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। योग, आयुर्वेद, और आत्मानुशासन के माध्यम से हम न केवल अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध कर सकते हैं। बाबा रामदेव का यह संदेश स्पष्ट है कि प्राकृतिक जीवनशैली अपनाकर और योग व आयुर्वेद का पालन करके हम जीवन के हर क्षेत्र में सफलता, शांति, और संतुलन प्राप्त कर सकते हैं। इन विचारों को अपने जीवन में अपनाकर हम एक स्वस्थ, सुखी, और सार्थक जीवन जी सकते हैं।
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