50+ Jawaharlal Nehru quotes in hindi | जवाहरलाल नेहरू के सर्वश्रेष्ठ सुविचार, अनमोल वचन

पढ़े भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सर्वश्रेष्ठ सुविचार, अनमोल वचन

50+ Jawaharlal Nehru quotes in hindi | जवाहरलाल नेहरू के सर्वश्रेष्ठ सुविचार,अनमोल वचन

जवाहरलाल नेहरू के सर्वश्रेष्ठ सुविचार, अनमोल वचन

जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन परिचय

  • जन्म- 14 नवंबर 1889, प्रयागराज (इलाहाबाद)
  • मृत्यु- 27 मई 1964, नई दिल्ली
  • माता- पिता- मोतीलाल नेहरू, स्वरुपानी थसू
  • पत्नी- कमला नेहरु
  • शिक्षा- प्रकृति विज्ञान स्नातक, Law

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद में 14 नवम्बर 1889 इलाहबाद में हुआ था. इनके पिता मोतीलाल नेहरू एक सफल वकील थे. उनकी माता स्वरूपरानी थुस्सू जो लाहौर में बसे एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी. जवाहरलाल की दो छोटी बहन विजया लक्ष्मी और कृष्णा हठीसिंग थी. विजया लक्ष्मी, संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी कृष्णा हठीसिंग एक लेखिका थी. उन्होंने अपने परिवार-जनों से संबंधित कई पुस्तकें लिखीं.

जवाहरलाल एक समृद्ध परिवार से होने इनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई. 15 वर्ष की आयु में आगे की पढ़ाई के लिए इग्लैंड चले गये . वह उन्हेंने आगे की पढ़ाई हैरा स्कुल से की. कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (लंदन) से पूरी की थी. उन्होंने प्रकृति विज्ञान में स्नातक की. हैरा स्कुल और ट्रिनिटी कॉलेज दोनों ही बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में से एक थे. इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की भारत लौटने पर उनका विवाह 1916 में कमला कौल के साथ हुआ. इनकी एक पुत्री इंदिरा प्रियदर्शिनी हुआ. जो आगे चल कर भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी.

वकालत में उनका मन नही लगा. उनकी रूचि राजनीति और स्वतंत्रता आन्दोलनो में अधिक थी. उन्होंने कई स्वतंत्रता आन्दोलनो और अभियानों में शमिल हुए. 1928-29 में पहली बार कांग्रेस की अध्यक्षता की. पूर्ण स्वराज्य की मांग करने वाले पहले कांग्रेसी नेता थे. बहुत संघर्षों के बाद भारत स्वतंत्र हुआ और जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. 27 मई 1964 को उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुआ.

जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस को राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. जवाहरलाल नेहरू बच्चो में अधिक प्रशिद्ध होने के कारण चाचा नेहरु के नाम से भी जाने जाते थे. पंडित जी के नाम से भी जाने जाते थे. उन्हें अपने शेरवानी में गुलाब का फूल लगाना पसंद था. आजादी के बाद नेहरु ने पहली भाषण 14 अगस्त 1947 की आधी रात को जो भाषण दिया था उसे 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' के नाम से भी जाना जाता है.

रचनाएँ- उन्होंने 33 पुस्तकें लिखी. जिन्हें विश्व इतिहास की झलक, भारत की खोज, मेरी कहानी कुछ प्रशिद्ध रचनाएँ है. मेरी कहानी इनकी आत्मकथा थी जो 1936 में प्रकाशित हुआ.

  1. नागरिकता देश की सेवा में निहित है।
  2. संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।
  3. असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं।
  4. शायद जीवन में भय से बुरा और खतरनाक कुछ भी नहीं है।
  5. जीवन विकास का सिद्धान्त है, स्थिर रहने का नहीं।
  6. जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं, वे हमारी सबसे अधिक सहायक हैं।
  7. आप तस्वीर के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते।
  8. दुसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है।
  9. जब तक मैं स्वयं में आश्वस्त हूँ की किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।
  10. चुनाव जनता को राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविधालय है |
  11. लोकतंत्र और समाजवाद लक्ष्य पाने के साधन है, स्वयम में लक्ष्य नहीं।
  12. आपतियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं,ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं |
  13. अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है।
  14. संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है।
  15. जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।
  16. लोगों की कला उनके दिमाग का सही दर्पण है।
  17. हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सौंदर्य, आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है. यदि हम खुली आँखों से खोजे तो यहाँ रोमांच का कोई अंत नहीं है।
  18. तथ्य तथ्य हैं और आपके नापसंद करने से गायब नहीं हो जायेंगे।
  19. मैं पूर्व और पश्चिम का अनूठा मिश्रण बन गया हूँ, हर जगह बेमेल सा, घर पर कहें का नही।
  20. कार्य के प्रभावी होने के लिए उसे स्पष्ठ लक्ष्य की तरफ निर्देशित किया जाना चाहिए।
  21. महान कार्य और छोटे लोग साथ नहीं चल सकते।
  22. हमें थोडा विनम्र रहना चाहिए, हम ये सोचें कि शायद सत्य पूर्ण रूप से हमारे साथ ना हो।
  23. एक सिद्धांत को वास्तविकता के साथ संतुलित किया जाना चाहिए।
  24. सुझाव देना और बाद में हमने जो कहा उसके नतीजे से बचने की कोशिश करना बेहद आसान है।
  25. संकट और गतिरोध जब वे होते हैं तो कम से कम उनका एक फायदा होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।
  26. वफादार और कुशल महान कारण के लिए कार्य करते हैं, भले ही उन्हें तुरंत पहचान ना मिले, अंततः उसका फल मिलता है।
  27. सह- अस्तित्व का केवल एक विकल्प है सह- विनाश।
  28. अगर पूंजीवादी समाज में ताकतों को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बना देती हैं।
  29. हमारे अन्दर सबसे बड़ी कमी यह है कि हम चीजों के बारे में बात ज्यादा करते हैं और काम कम।
  30. पूर्ण रूप से आन्दोलनकारी रवैया किसी विषय के गहन विचार के लिए ठीक नहीं है।
  31. जाहिर है, दक्षता का सबसे अच्छा प्रकार वह है जो मौजूदा सामग्री का अधिकतम लाभ उठा सके।
  32. समाजवाद…ना केवल जीने का तरीका है, बल्कि सामजिक और आर्थिक समस्यों के निवारण के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण है।
  33. एक नेता या कर्मठ व्यक्ति संकट के समय लगभग हमेशा ही अवचेतन रूप में कार्य करता है और फिर अपने किये गए कार्यों के लिए तर्क सोचता है।
  34. लोकतंत्र अच्छा है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बाकी व्यवस्थाएं और बुरी हैं।
  35. एक ऐसा क्षण जो इतिहास में बहुत ही कम आता है, जब हम पुराने के छोड़ नए की तरफ जाते हैं , जब एक युग का अंत होता है, और जब वर्षों से शोषित एक देश की आत्मा, अपनी बात कह सकती है।
  36. हर एक हमलावर राष्ट्र की यह दावा करने की आदत होती है कि वह अपनी रक्षा के लिए कार्य कर रहा है।
  37. समय सालों के बीतने से नहीं मापा जाता बल्कि किसी ने क्या किया, क्या महसूस किया, और क्या हांसिल किया इससे मापा जाता है।
  38. शांति राष्ट्रों का सम्बन्ध नहीं है। यह एक मन: स्थिति है जो आत्मा की निर्मलता से आती है। शांति सिर्फ युद्ध का अभाव नहीं है। यह मन की एक अवस्था है।
  39. बिना शांति के, और सभी सपने खो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं।
  40. यदि पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वो अमीर को और अमीर और गरीब को और गरीब बना देंगी।
  41. वह व्यक्ति जो सबकुछ पा चुका है वह हर एक चीज शांति और व्यवस्था के पक्ष में चाहता है।
  42. केवल सही शिक्षा के माध्यम से ही समाज की बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है।
  43. जो व्यक्ति भाग जाता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।
  44. जो व्यक्ति अधिकतर अपने ही गुणों का बखान करता रहता है वो अक्सर सबसे कम गुनी होता है।
  45. अच्छी नैतिक स्थिति में होना कम से कम उतना ही प्रशिक्षण मांगता है जितना कि अच्छी शारीरिक स्थिति में होना।
  46. हम वास्तविकता में क्या हैं वो और लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं उससे कहीं अधिक मायने रखता है।
  47. हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सुंदरता, आकर्षण और रोमांच से भरी है। हमारे साहसिक कारनामों का कोई अंत नहीं है, बशर्ते हम उन्हें खुली आँखों से खोजें।
  48. अत्यधिक सतर्क रहने की नीति सबसे बड़ा जोखिम है।
  49. अनियंत्रित बुराई बढ़ती है, सहन की गई बुराई पूरी व्यवस्था में जहर घोल देती है।
  50. राजनीति और धर्म अप्रचलित हैं। विज्ञान और अध्यात्म का समय आ गया है।
  51. समय को वर्षों के बीतने से नहीं मापा जाता है, बल्कि इससे मापा जाता है कि कोई क्या करता है, क्या महसूस करता है और क्या हासिल करता है।
  52. हमारे साहसिक कारनामों का कोई अंत नहीं है, बशर्ते हम उन्हें खुली आँखों से खोजें।

Jawaharlal Nehru quotes Images, Pictures

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निष्कर्ष (Conclusion):

जवाहरलाल नेहरू के उद्धरणों से हम सीख सकते हैं कि देशभक्ति, शिक्षा, समाजवाद, शांति, व्यक्तिगत विकास, सहिष्णुता, नीति, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, समाज सेवा और मानवतावाद सभी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। उनकी गहरी सोच और उनकी जीवन दर्शन का प्रतिबिंब हैं। उनके विचारों से प्रेरणा लेकर हम सभी एक बेहतर समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। नेहरू जी के शब्दों ने हमें सिखाया है कि देश की सेवा ही जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है, और हमें हमेशा अपने देश के लिए काम करना चाहिए।

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